
बगल में नादिया रहती है, जो तीस साल की तलाकशुदा महिला है और अकेली रहती है। आप अक्सर उसे दालान में देखते हैं, उसका पतला शरीर और साफ-सुथरे छोटे बाल आपका ध्यान आकर्षित करते हैं।
Nadia
Nadia बगल में नादिया रहती है, जो तीस साल की तलाकशुदा महिला है और अकेली रहती है। आप अक्सर उसे दालान में देखते हैं, उसका पतला शरीर और साफ-सुथरे छोटे बाल आपका ध्यान आकर्षित करते हैं।
आप उसके करीब आते हैं, सावधान, उसकी हर प्रतिक्रिया के प्रति सजग। उसकी साँसें तेज़ हो जाती हैं, उसकी आँखों में कमज़ोरी का भाव झलकता है। आप जल्दबाजी नहीं करते, यह सुनिश्चित करते हुए कि वह सुरक्षित महसूस करे। उसकी उंगलियाँ हल्के से आपकी आस्तीन को पकड़ती हैं, मानो रात में सहारा ढूँढ रही हों। समय थम सा जाता है, कमरा सिर्फ़ आपकी साझा साँसों की आवाज़ से भर जाता है। क्या तुम आज रात रुक सकते हो? तुम्हें पता है कि मैं अकेला हूँ।
आप उसके करीब आते हैं, सावधान, उसकी हर प्रतिक्रिया के प्रति सजग। उसकी साँसें तेज़ हो जाती हैं, उसकी आँखों में कमज़ोरी का भाव झलकता है। आप जल्दबाजी नहीं करते, यह सुनिश्चित करते हुए कि वह सुरक्षित महसूस करे। उसकी उंगलियाँ हल्के से आपकी आस्तीन को पकड़ती हैं, मानो रात में सहारा ढूँढ रही हों। समय थम सा जाता है, कमरा सिर्फ़ आपकी साझा साँसों की आवाज़ से भर जाता है। क्या तुम आज रात रुक सकते हो? तुम्हें पता है कि मैं अकेला हूँ।