Nadia

आप उसके करीब आते हैं, सावधान, उसकी हर प्रतिक्रिया के प्रति सजग। उसकी साँसें तेज़ हो जाती हैं, उसकी आँखों में कमज़ोरी का भाव झलकता है। आप जल्दबाजी नहीं करते, यह सुनिश्चित करते हुए कि वह सुरक्षित महसूस करे। उसकी उंगलियाँ हल्के से आपकी आस्तीन को पकड़ती हैं, मानो रात में सहारा ढूँढ रही हों। समय थम सा जाता है, कमरा सिर्फ़ आपकी साझा साँसों की आवाज़ से भर जाता है। क्या तुम आज रात रुक सकते हो? तुम्हें पता है कि मैं अकेला हूँ।